Gujarat Board Statistics Class 12 GSEB Solutions Part 1 Chapter 4 सामयिक श्रेणी Ex 4 Textbook Exercise Questions and Answers.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 12 Statistics Part 1 Chapter 4 सामयिक श्रेणी Ex 4
विभाग – A
निम्न दिये विकल्पों में से सही विकल्प पसंद करके लिखिए ।
प्रश्न 1.
मौसमी घटक के कारण सामयिक चर में कौन-से प्रकार के परिवर्तन होते है ?
(a) दीर्घकालीन
(b) अनियमित
(c) नियमित
(d) शून्य प्रमाण में
उत्तर :
(c) नियमित
प्रश्न 2.
‘हडताल के कारण किसी कंपनी के उत्पादन में हुई कमी’ कौन-सा कमी-वृद्धि है ?
(a) याद्दच्छिक
(b) झुकाव
(c) मौसमी
(d) चक्रिय
उत्तर :
(a) याद्दच्छिक
प्रश्न 3.
रैखिक झुकाव ज्ञात करने के लिए रैखिक समीकरण का अन्वायोजन करने की विधि का नाम बताइए ।
(a) आरेख की विधि
(b) न्यूनतम वर्गों की विधि
(c) चलित औसत की विधि
(d) आंशिक औसत की विधि
उत्तर :
(b) न्यूनतम वर्गों की विधि
प्रश्न 4.
सामयिक श्रेणी के योगनिय मोडल कैसे दर्शाया जाता है ?
(a) yt = Tt + St + Ct – Rt
(b) yt = Tt + St + Ct + Rt
(c) yt = Tt × St + Ct × Rt
(d) yt = St + Ct + Rt
उत्तर :
(b) yt = Tt + St + Ct + Rt
प्रश्न 5.
सामयिक श्रेणी का निरपेक्ष चल कौन-सा है ?
(a) yt
(b) St
(c) t
(d) xt
उत्तर :
(c) t
प्रश्न 6.
सामयिक श्रेणी का कौन-सा घटक का अनुमान प्राप्त करना असंभव है ?
(a) याद्दच्छिक घटक
(b) झुकाव
(c) मौसमी घटक
(d) चक्रिय घटक
उत्तर :
(a) याद्दच्छिक घटक
प्रश्न 7.
निम्न में से कौन-से परिवर्तन चक्रिय घटक के कारण है ऐसा कहा जाता है ?
(a) शर्दी की ऋतु में स्वेटर की माँग
(b) शेयर बाजार में मंदी के कारण कम हुए शेयर के मूल्य
(c) अतिवृष्टि के कारण खेती की उपज में हुई कमी
(d) सतत कम होता मृत्युदर
उत्तर :
(b) शेयर बाजार में मंदी के कारण कम हुए शेयर के मूल्य
प्रश्न 8.
जनवरी 2016 से डिसेम्बर 2016 तक सामयिक श्रेणी में से प्राप्त झुकाव का समीकरण ŷ = 30.1 + 1.5t हो, तो अप्रिल 2016 के लिए झुकाव मूल्य ज्ञात कीजिए ।
(a) 30.1
(b) 34.6
(c) 36.1
(d) 33.1
उत्तर :
(c) 36.1
प्रश्न 9.
निम्न में से कौन-सा परिवर्तन मौसमी कमी-वृद्धि कहलाएगा ?
(a) ग्राम्य विस्तार में से शहर की ओर बढ़ता स्थानांतरण
(b) शहर के रास्ते पर बढ़ती परिवहनों की संख्या
(c) स्कूल में वेकेशन के दौरान बढ़ती पर्यटकों की संख्या
(d) किसी विशिष्ट बिमारी के दौरान मृत्युआंक में वृद्धि
उत्तर :
(c) स्कूल में वेकेशन के दौरान बढ़ती पर्यटकों की संख्या
प्रश्न 10.
झुकाव ज्ञात करने की कौन-सी विधि से अल्पकालिन समय में पुनरावर्तन होते कमी-वृद्धि की असर सबसे योग्य रूप से दूर होती है ?
(a) आरेन की विधि
(b) न्यूनतम वर्गों की विधि
(c) कार्ल पियर्सन की विधि
(d) चलित औसत की विधि
उत्तर :
(d) चलित औसत की विधि
विभाग – B
निम्न प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर दीजिए ।
प्रश्न 1.
घटता झुकाव हो ऐसी सामयिक श्रेणी का उदाहरण दीजिए ।
उत्तर :
शर्दी की मौसम में गर्म कपड़े की माँग, धार्मिक त्यौहारों में कपड़े की माँग इत्यादि ।
प्रश्न 2.
सामयिक श्रेणी अर्थात क्या ?
उत्तर :
किसी भी घटना या प्रक्रिया से संकलित चर मात्रा के भिन्न-भिन्न समय पर प्राप्त मूल्य के समुच्चय या समूह को सामयिक श्रेणी कहते हैं ।
प्रश्न 3.
सामयिक श्रेणी के कौन-से घटकों के कारण चल में अल्पकालिन कमी-वृद्धि होते है ?
उत्तर :
मौसमी और चक्रीय ऐसे लगभग नियमित घटक के अलावा अनियमित अथवा यादृच्छिक घटक के प्रभाव के कारण अल्पकालिन कमी-वृद्धि होते है ।
प्रश्न 4.
सामयिक श्रेणी का विश्लेषण अर्थात् क्या ?
उत्तर :
सामयिक श्रेणी का विश्लेषण करके उसकी विविध विशेषताओं के सम्बन्ध में अनुमान-निष्कर्ष की विधि को सामयिक श्रेणी विश्लेषण कहते हैं ।
प्रश्न 5.
सामयिक श्रेणी के चक्रिय कमी-वृद्धि को कौन-से संकेत से दर्शाया जाता है ?
उत्तर :
सामयिक श्रेणी के घटक को ‘Ct‘ से दर्शाया जाता है ।
प्रश्न 6.
सामयिक श्रेणी में झुकाव मापने की विधियों के नाम लिखिए ।
उत्तर :
सामयिक श्रेणी के झुकाव मापने की मुख्य दो विधि है :
- आरेख की विधि (Graphical Method)
- न्यूनतम वर्गों की विधि (Method of Least Squares)
प्रश्न 7.
एक वर्ष से कम समय में पुनरावर्तन होते कमी-वृद्धि को कौन से घटक की प्रभाव से दर्शाया जाता है ?
उत्तर :
एक वर्ष से कम समय में पुनरावर्तन होते उतार-चढ़ाव को मौसमी उतार-चढ़ाव से दर्शाया जाता है ।
प्रश्न 8.
सामयिक श्रेणी के घटक (कारक) के नाम बताइए ।
उत्तर :
सामयिक श्रेणी के चार कारक निम्नानुसार है :
- दीर्घकालीन उतार-चढ़ाव या दिशा (Long term fact-fluctuations or Trend)
- मौसमी उतार-चढ़ाव (Seasonal fluctuations)
- चक्रीय उतार-चढ़ाव (Cryclical fuctuations)
- याद्दच्छिक या अनियमित उतार-चढ़ाव (Random or Irregular fluctuations)
प्रश्न 9.
झुकाव ज्ञात करने की चलित औसत की विधि कब अधिक उपयोगी होती है ?
उत्तर :
अल्पकालिन उतार-चढ़ाव की असर दूर करके झुकाव निश्चित करने के लिए चलित औसत की विधि अधिक उपयोगी होती है ।
प्रश्न 10.
चल y के 7 सप्ताह की सूचना पर से अन्वायोजन करके रैखिक समीकरण ŷ = 25.1 – 1.3t हो, तो आठवे सप्ताह की y के मूल्य का अनुमान ज्ञात कीजिए ।
उत्तर :
आठवें सप्ताह का मूल्य ŷ = 25.1 – 1.3(8)
ŷ = 25.1 – 10.4
ŷ = 14.7
आठवें सप्ताह का मूल्य ŷ = 14.7 होगा ।
विभाग – C
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
प्रश्न 1.
सामयिक श्रेणी का योगनिय मोडल का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
yt = Tt + St + Ct + Rt t = 1, 2 …………… n
दीर्घकालिन उतार-चढ़ाव का संकेत में Tt द्वारा, मौसमी उतार-चढ़ाव को संकेत में St, चक्रिय उतार-चढ़ाव को संकेत में Ct, द्वारा तथा याद्दच्छिक उतार-चढ़ाव को संकेत में Rt द्वारा प्रदर्शित करेंगे । सामयिक श्रेणी के इन कारकों का प्रभाव योगनीय होता है ऐसी परिकल्पना की जाती है ।
प्रश्न 2.
चक्रीय कमी-वृद्धि अर्थात् क्या ?
उत्तर :
सामयिक श्रेणी में एक वर्ष से अधिक समय अंतराल में होता लगभग नियमित उतार-चढ़ाव को चक्रिय घटक का प्रभाव होता है । मौसमी घटक की अपेक्षा उस घटक में चलन में कम नियमितता होती है । इस उतार-चढ़ाव का आवर्तन काल 2 से 10 वर्ष का होता है । उसे संकेत में Ct से दर्शाया जाता है ।
प्रश्न 3.
मौसमी कमी-वृद्धि यह चक्रिय कमी-वृद्धि से किस प्रकार भिन्न-भिन्न होता है ?
उत्तर :
मौसमी कमी-वृद्धि में अल्पकालिन सूचना मास अनुसार एकत्रित की गई होती है । उसका प्रभाव मौसम अनुसार पुनरावर्तित होता दिखाई पड़ता है । जबकि चक्रिय उतार-चढ़ाव का अन्तराल 2 वर्ष से अधिक हो तब उस सामयिक श्रेणी में मौसमी उतारचढ़ाव के कारणों की अपेक्षा चक्रीय उतार-चढ़ाव के कारणों का प्रभाव अधिक प्रबल हो, ऐसा भी बन सकता है । सामयिक श्रेणी में मौसमी उतार-चढ़ाव की जो नियमितता दिखाई देती है वह नियमितता चक्रीय झोंक में देखने को नहीं मिलती ।
प्रश्न 4.
अनियमित कमी-वृद्धि समझाइए ।
उत्तर :
सामयिक श्रेणी के पदों yt में से झुकाव, मौसमी उतार-चढ़ाव चक्रिय उतार-चढ़ाव के कारकों को दूर करने के पश्चात् शेष बचे हिस्से को अर्थात् yt – (Tt + St + Ct) को अनियमित कमी-वृद्धि कहते हैं । अनियमित उतार-चढ़ाव को नियंत्रित नहीं कर सकते तथा इस कमी-वृद्धि के बारे में पूर्वानुमान भी नहीं लगाया जा सकता है ।
प्रश्न 5.
आरेख विधि की मर्यादायें बताइए ।
उत्तर :
आरेख विधि की मर्यादायें निम्नलिखित है :
- भिन्न भिन्न व्यक्ति भिन्न भिन्न वक्र खिंचते है ऐसी संभावना रहती है । इसलिए उसके अनुमान में एकसूत्रता रहती नहीं है ।
- इस पद्धति द्वारा सामयिक श्रेणी का निश्चित ख्याल प्राप्त नहीं किया जा सकता ।
- यह विधि में गाणितिक नहीं होने से अनुमानित मूल्य संपूर्ण रीति निश्चित होती नहीं है और विश्वसनीयता कितनी है वह जान नहीं सकते है ।
प्रश्न 6.
चलित औसत का अर्थ समझाइए ।
उत्तर :
अल्पकालिन उतार-चढ़ाव के प्रभाव को दूर करके झुकाव निश्चित करने के लिए चलित औसत की विधि उपयोगी होती है । अल्पकालिन उतार-चढ़ाव ज्यादातर नियमित होते है और उसका पुनरावर्तन होता है । भूतकाल के अनुभव से अथवा अन्य साधनों से यह उतार-चढ़ाव के पुनरावर्तन का समय की जानकारी प्राप्त उसके अनुरूप समय के अवलोकनों की औसत ज्ञात की जाती है । औसत मूल्य केन्द्र स्थान पर होने से अल्पकालिन उतार-चढ़ाव के प्रभाव से मुक्त होने से उसका मूल्य प्राप्त होता है जिसे चल का झुकाव दर्शाता है ।
प्रश्न 7.
सामयिक श्रेणी की परिभाषा दीजिए ।
उत्तर :
किसी भी विषयक अध्ययन हेतु एकत्रित की गई समय आधारित सूचना को सामयिक श्रेणी कहते हैं ।
प्रश्न 8.
झुकाव मापने की चलित औसत की विधि के गुण बताइए ।
उत्तर :
चलित औसत की विधि के गण :
- औसत का उपयोग करके यह विधि से अल्पकालिन प्रभाव की असर को ज्यादातर दूर होते है और शृंखला का झुकाव प्राप्त होता है ।
- यह विधि प्रमाण में कम और सरल गणना होने से समझने में सरल है ।
प्रश्न 9.
झुकाव मापने की आरेख की विधि का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
सामयिक श्रेणी का झुकाव ज्ञात करने की सबसे सरल विधि यह आरेन विधि है । यहाँ निरपेक्ष चर अर्थात् समय (t) को x अक्ष पर और सापेक्ष चर yt को y अक्ष पर योग्य प्रमाणमाप लेकर भिन्न-भिन्न बिन्दुओं का आरेखन किया जाता है । यह सभी बिन्दुओं को क्रमश: रेखाखंड़ों को जोड़ा जाता है । इस पर से चल का मूल्यों का उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है । उसके बाद बिन्दुओं के बीच में से गुजरता वक्र अनुमान से खिंचा जाता है । आरेख विधि सामयिक श्रेणी का झुकाव निश्चित करने की सरल विधि है ।
विभाग – D
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
प्रश्न 1.
सामयिक श्रेणी का महत्त्व समझाइए ।
उत्तर :
सामयिक श्रेणी के अध्ययन का महत्त्व निम्नानुसार दर्शाया जा सकता है ।
- सामयिक श्रेणी की चर मात्रा के मूल्य में होनेवाले परिवर्तनों का अध्ययन करने से भूतकाल में प्रवर्तमान स्थिति जानी जा सकती है जिसका उपयोग भविष्य के निर्णयों को लेने में सहायक है ।
- सामयिक श्रेणी के अध्ययन से चर मात्रा के भविष्य के मूल्यों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है ।
- सामयिक श्रेणी के अध्ययन की सहायता से व्यापारिक पेढ़ियाँ, औद्योगिक गृहों एवं सरकारी तंत्र नीति-विषयक निर्णय लेकर भविष्य के विकास की योजनाओं का आयोजन कर सकते हैं ।
- सामयिक श्रेणी के अध्ययन से औद्योगिक गृह, व्यापारिक पेढ़ियाँ एवं सरकारी तंत्रों द्वारा वर्तमान में साधित कार्य का भूतकाल में साधित कार्य के साथ तुलना करके हुई प्रगति का मूल्यांकन व समीक्षा कर सकते है ।
प्रश्न 2.
सामयिक श्रेणी के विश्लेषण के उपयोग बताइए ।
उत्तर :
सामयिक श्रेणी के विश्लेषण के उपयोग निम्नलिखित है :
- भूतकाल की परिस्थिति जान सकते है और उस पर से चलन का प्रकार और माप प्राप्त कर सकते है । .
- चर के भविष्य के मूल्यों का सांख्यिकीय विधि की सहायता से अनुमान प्राप्त किया जाता है ।
- प्राप्त किये गए अनुमानित मूल्यों के आधार से भविष्य के लिए योग्य निर्णय लेकर किया जाता है ।
- भिन्न भिन्न स्थान अथवा समय पर दिये चर में होते परिवर्तनों का तुलनात्मक अभ्यास कर सकते है ।
- भूतकाल के मूल्यों पर से प्राप्त अनुमानित मूल्यों और वर्तमान मूल्यों की तुलना करके यदि कोई अंतर हो, तो उसके कारण खोज सकते है ।
प्रश्न 3.
सामयिक श्रेणी का झुकाव अर्थात् क्या ? उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर :
सामयिक श्रेणी के चर में अधिक लम्बे समय अंतराल में जो चलन दिखाई देता है उसे अथवा झुकाव का प्रभाव है सामान्य रीति से सामयिक श्रेणी के चर में समय के साथ सतत कमी-वृद्धि दिखाई देती है । यह स्थिति झुकाव है उदा. आंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपिया के मूल्य में कमी, मोबाईल फोन का उपयोग में वृद्धि ।
प्रश्न 4.
मौसमी कमी-वृद्धि पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर :
मौसमी उतार-चढ़ाव : वर्ष के निर्धारित समय अन्तराल (जैसे सर्दी, गर्मी, बरसात) दरम्यान सामयिक श्रेणी की चलराशी yt में
होनेवाले सूचक उतार-चढ़ाव को मौसमी उतार-चढ़ाव कहा जाता है । सामान्य रूप से सर्दी में गरम कपड़े की, जबकि गर्मी में आइसक्रीम व ठंडे पेय पदार्थ की एवं वर्षाऋतु में छाते या रेइनकोट की मांग में वृद्धि तथा धार्मिक त्यौहारों के समय में तैयार वस्त्रों एवं जूते-चप्पलों की बिक्री में वृद्धि दिखाई देती है । ये सभी घटनाएँ मौसमी उतार-चढ़ाव का निर्देश करनेवाले दृष्टांत है । सामयिक श्रेणी के मौसमी उतार-चढ़ाव के अध्ययन से उत्पादक व व्यापारी वर्ग मौसमी मांग की पूर्ति हेतु उत्पादन व बिक्री की समय सारणी की रचना करके तद्नुसार माल का उत्पादन एवं उसके संग्रह का आयोजन करते है । बड़े औद्योगिक गृह, वर्ष को चार चरणों में विभक्त करके उत्पादन, बिक्री, निर्यात, लाभ इत्यादि के निश्चित किए गए लक्ष्यांक सिद्ध हो पाये है या नहीं, तत् सम्बन्धी सूचनाएँ समाचारपत्रों में प्रकाशित करते रहते है ।
प्रश्न 5.
न्यूनतम वर्गों की विधि से दी गई सूचना पर से रैखिक समीकरण का अन्वायोजन करने की पद्धति समझाइए ।
उत्तर :
सामयिक श्रेणी {yt : t = 1, 2, ……… n} द्वारा प्राप्त सूचना द्विचर सूचना है । इस द्विचर सूचना में समय t यह निरपेक्ष चर
के रूप में कार्य करता है जबकि चर मात्रा y यह सापेक्ष (अर्थात् समय t पर आधारित) चर है । y1, y2……. yn यह सापेक्ष चर मात्रा y का समय t = 1, 2, ………., n के अनुरूप प्राप्त अवलोकन है । यदि उपर्युक्त सामयिक श्रेणी का t वा पद yt के झुकाव के कारक को गाणितिक फलन α + βt द्वारा प्रदर्शित करें, अर्थात् सामयिक श्रेणी का झुकाव एक समरेखा है ऐसा मान लें तो समरेखीय सम्बन्ध मॉडल निम्नानुसार मिलेगा :
yt = α + βt + ut, t = 1, 2, ………. ।
के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ ut यह त्रुटि चर है, जो सामयिक श्रेणी के झुकाव के अतिरिक्त अन्य कारकों के प्रभाव को प्रदर्शित करता है । हम त्रुटि-चर ut के वर्गों का योग Σut2 = Σ(yt – α – βt)2 न्यूनतम वर्ग बने उस प्रकार अचल α तथा β के मूल्यों को प्राप्त करेंगे । यदि अचल α और β के आकलित (Estimated) मूल्यों को क्रमश: a और b द्वारा प्रदर्शित करें, तो a और b के मूल्यों को निम्नलिखित दो समीकरणों द्वारा हल करने से मिलेगा । न्यूनतम वर्गों की विधि से a और b निम्नानुसार ज्ञात होते है ।
b = \(\frac{n \sum t y-\left(\sum t\right)\left(\sum y\right)}{n \sum t^2-\left(\sum t\right)^2}\)
a = \(\overline{\mathrm{y}}\) – b\(\overline{\mathrm{y}}\)
प्रश्न 6.
न्यूनतम वर्गों की विधि के गुण-दोष बताइए ।
उत्तर :
गुण :
- यह विधि संपूर्ण गाणितिक होने से भविष्य के अनुमान व्यक्ति के सापेक्ष बदलता नहीं है ।
- t के दिये मान के लिए झुकाव का अनुमान इस विधि से प्राप्त हो सकता है ।
- झुकाव का मूल्य समीकरण से प्राप्त होता है । इसलिए बीच के समय अंतराल का झुकाव भी प्राप्त हो सकता है ।
दोष :
- इस विधि में झुकाव ज्ञात करने के लिए गणना की जाती है ।
- यदि झुकाव दर्शाते वक्र का योग्य स्वरूप और उसके अनुरूप अन्वायोजन न किया जाय तो प्राप्त अनुमानित मूल्यों की विश्वसनीयता कम होती है ।
प्रश्न 7.
झुकाव ज्ञात करने की चलित औसत की विधि का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
अल्पकालिन उतार-चढ़ाव का प्रभाव दूर करके झुकाव निश्चित करने के लिए चलित औसत की विधि अधिक उपयोगी होती है । अल्पकालिन उतार-चढ़ाव ज्यादातर नियमित होते है और उसका पुनरावर्तन होता है । भूतकाल के अनुभव से अथवा अन्य साधनों से उतार-चढ़ाव के पुनरावर्तन समय की जानकारी प्राप्त करके उसके अनुरूप अवलोकनों की औसत ज्ञात की जाती है । औसत मूल्य केन्द्रस्थान में होने से अल्पकालिन उतार-चढ़ाव से मुक्त हुए मूल्यों को प्राप्त किया जाता है जो चर का झुकाव दर्शाता है ।
प्रत्येक सामयिक श्रेणी में समय की इकाई ‘वर्ष’ हो ऐसा आवश्यक नहीं है और चर के मूल्यों के पुनरावर्तन का समय अंतराल भी वर्ष में होना आवश्यक नहीं है । समय की इकाई के अनुरूप चलित औसत दर्शायेंगे उदा. साप्ताहिक, त्रिमासिक 5 सप्ताह की चलित औसत इत्यादि ।
सवाल की गणना के समय सर्वप्रथम औसत समय-अंतराल के अनुरूप चल के मूल्यों का योग ज्ञात किया जाता है । तीन वर्ष की औसत के लिए प्रथम योग y1 + y2 + y3 प्राप्त करने के बाद दूसरा योग y2 + y3 + y4 प्राप्त करने के लिए उपयुक्त योग में से y1 घटाकर y4 जोड़ा जाता है । यह विधि से सभी योग ज्ञात करके प्रत्येक को 3 से भाग दिया जाता है । तीन वर्ष की चलित औसत प्राप्त होगी ।
प्रश्न 8.
चलित औसत विधि की मर्यादाएँ (अवगुण) बताइए ।
उत्तर :
चलित औसत की विधि की मर्यादा निम्नानुसार है :
- यदि चलित औसत का अंतराल योग्य विधि से चयन न किया जाय तो इस विधि से प्राप्त झुकाव की विश्वसनीयता होती नहीं है ।
- प्रारंभिक और अंतिम कुछ समय के लिए यह विधि से झुकाव का अनुमान प्राप्त नहीं हो सकता ।
- भविष्य के अनुमान के लिए कोई निश्चित गाणितिय सूत्र प्राप्त नहीं होता है ।
प्रश्न 9.
निम्न सामयिक श्रेणी एक कारखाने का दैनिक उत्पादन बताती है । आरेख विधि से उसका झुकाव ज्ञात कीजिए ।
उत्तर :
प्रश्न 10.
एक सामयिक श्रेणी के चर (y) की निम्नसूचना पर से रैखिक समीकरण का अन्वायोजन कीजिए ।
n = 4, Σy = 270, Σty = 734
उत्तर :
n = 4 होने से t = 1, 2, 3, 4
∴ Σt = 1 + 2 + 3 + 4 = 10
Σt = (1)2 + (2)2 + (3)2 + (4) 2
= 1 + 4 + 9 + 16 = 30
\(\bar{t}=\frac{\sum t}{n}=\frac{10}{4}\) = 2.5 \(\overline{\mathrm{y}}=\frac{\sum \mathrm{y}}{\mathrm{n}}=\frac{270}{4}\) = 67.5
b = \(\frac{\mathrm{n} \sum \mathrm{ty}-\left(\sum \mathrm{t}\right)\left(\sum \mathrm{y}\right)}{\mathrm{n} \sum \mathrm{t}^2-\left(\sum \mathrm{t}\right)^2}\)
= \(\frac{4 \times 734-(10)(270)}{4 \times 30-(10)^2}\)
= \(\frac{2936-2700}{120-100}\)
= \(\frac{236}{20}\)
= 11.8
∴ b = 11.8
अब a = \(\overline{\mathrm{y}}\) – b\(\overline{\mathrm{t}}\)
= 67.5 – 11.8 (2.5)
= 67.5 – 29.5
∴ a = 38
रैखिक समीकरण
ŷ = a + bt
= 38 + 11.8t
∴ ŷ = 38 + 11.8t
प्रश्न 11.
एक वस्तु की मांग के लिए एक स्टोर में से एकत्रित की गई सूचना निम्नानुसार है । तीन मास के चलित औसत द्वारा झुकाव प्राप्त कीजिए ।
उत्तर :
तीन मास की चलित औसत की गणना
विभाग – E
निम्न प्रश्नों के हल प्राप्त कीजिए ।
प्रश्न 1.
एक कपड़े का उत्पादक की तैयार कपड़े की निर्यात (करोड़ रु. में) की निम्न सूचना पर से समरेखीय झुकाव का अन्वायोजन कीजिए और 2017 के वर्ष की निर्यात के लिए झुकाव मूल्य का अनुमान कीजिए ।
उत्तर :
यहाँ n = 6 साल की जानकारी दी है । इसलिए दिए गए वर्षों के लिए क्रमश: t = 1, 2, 3,………….. 6 लेकर झुकाव का अन्वायोजन करेंगे ।
= \(\frac{6 \times 495-(21)(141)}{6 \times 91-(21)^2}\)
= \(\frac{2970-2961}{546-441}\)
= \(\frac{9}{105}\)
= 0.09
∴ b = 0.09
अब a = \(\overline{\mathrm{y}}\) – b\(\overline{\mathrm{x}}\)
= 23.5 – 0.09 (3.5)
= 23.5 – 0.32
= 23.19
∴ a = 23.19
झुकाव रेखा का अन्वायोजित समीकरण
ŷ = a + bt
= 23.19 + 0.091
∴ ŷ = 23.19 + 0.09t
वर्ष 2017 के लिए t = 8 रखने पर
ŷ = 23.19 + 0.09(8)
= 23.19 + 0.72
= 23.91 करोड़ रु.
वर्ष 2017 में तैयार कपडे निर्यात 23.91 करोड़ रु. होगा ।
प्रश्न 2.
अंतिम 5 वर्षों में एक जहाज कंपनी के विमान में यात्रा करनेवाले यात्रियों की संख्या की निम्न सूचना पर से समरेखीय झुकाव का अन्वायोजन करके वर्ष 2016 के लिए झुकाव का मूल्य का अनुमान कीजिए ।
उत्तर :
यहाँ n = 5 दिया है । इसलिए दिये गए वर्षों के लिए क्रमश: t = 1, 2, 3, 4, 5 लेकर झुकाव का अन्वायोजन करेंगे ।
= \(\frac{-105}{50}\)
= -2.1
∴ b = -2.1
अब a = \(\overline{\mathrm{y}}\) – b\(\overline{\mathrm{t}}\)
= 42.8 – (-2.1) (3)
= 42.8 – (-6.3)
= 42.8 + 6.3
∴ a = 49.1
झुकाव रेखा का अन्वायोजित समीकरण
ŷ = a + bt
ŷ = 49.1 – 2.1t
∴ ŷ = 49.1 – 2.1t
वर्ष 2016 के लिए t = 6 रखने पर
ŷ = 49.1 – 2.1(6)
= 49.1 – 12.6
= 36.5 हजार
वर्ष 2016 में यात्रियों की आकलित संख्या 36.5 हजार होगी ।
प्रश्न 3.
एक स्टोक एक्सचेन्ज में पंजिकृत हुए किसी एक कंपनी के शेयर के मूल्यों की भिन्न-भिन्न मास की सूचना निम्नलिखित सारणी में दी है । तीन मास की चलित औसत से झुकाव ज्ञात कीजिए ।
उत्तर :
तीन मास की चलित औसत की गणना
प्रश्न 4.
निम्न सूचना एक वस्तु की बिक्री दर्शाता है । (हजार रु. में) आरेख की विधि से झुकाव प्राप्त कीजिए ।
उत्तर :
इस सूचना को सामयिक श्रेणी के लिए निम्नानुसार प्रस्तुत करेंगे ।
x अक्ष पर t और y अक्ष पर बिक्री (हजार रु.) में yt के मूल्यों को लेकर बिन्दुओं का आरेखन करेंगे ।
प्रश्न 5.
एक राज्य के खाद्य तेल का उपयोग की मात्रा के सूचकांक निम्न सारणी में दिये है । पंचवर्षीय चलित औसत के आधार से झुकाव ज्ञात कीजिए ।
उत्तर :
पंचवर्षीय के चलित औसत की गणना
विभाग – F
निम्न के हल प्राप्त कीजिए ।
प्रश्न 1.
एक देश की चीनी उत्पादन की 6 वर्षों की सूचना निम्नानुसार है । उस पर से उत्पादन के झुकाव न्यूनतम वर्गों की विधि से प्राप्त कीजिए । वर्ष 2016-17 और 2017-18 के उत्पादन को झुकाव का अनुमान कीजिए ।
उत्तर :
यहाँ n = 6 दिया है । प्रत्येक वर्ष के लिए क्रमश: t = 1, 2, … …………….. 6 लेंगे ।
समरेखीय झुकाव का अन्वायोजन की गणना
= \(\frac{125.1}{105}\)
= 1.19
∴ b = 1.19
अब a = \(\overline{\mathrm{y}}\) – b\(\overline{\mathrm{t}}\)
= 34.42 – 1.19 (3.5)
= 34.42 – 4.16
= 30.26
∴ a = 30.26
अत: झुकाव रेखा का समीकरण
ŷ = a + bt
ŷ = 30.26 + 1.19t
वर्ष 2016-17 के लिए t = 8 रखने पर
ŷ = 30.26 + 1.19(8)
= 30.26 + 9.52
= 39.78 करोड़ टन
वर्ष 2017-18 के लिए t = 9 रखने पर
ŷ = 30.26 + 1.19(9)
= 30.26 + 10.71
= 40.97 करोड़ टन
वर्ष 2016-17 के वर्ष में चीनी का उत्पादन 39.78 करोड़ टन होने का अनुमान है ।
वर्ष 2017-18 के वर्ष में चीनी का उत्पादन 40.78 करोड़ टन होने का अनुमान है ।
प्रश्न 2.
एक कोलेज में अभ्यास करते विद्यार्थियों की संख्या निम्न सारणी में प्रदर्शित है । चार वर्षीय चलित औसत से झुकाव प्राप्त कीजिए ।
उत्तर :
चार वर्ष के चलित औसत की गणना
प्रश्न 3.
निम्न सारणी में एक राज्य के भिन्न भिन्न वर्षों का जन्मदर दिया है । इस सूचना से रैखिक झुकाव का अन्वायोजन कीजिए ।
उत्तर :
यहाँ n = 7 दिया है । इसलिए दिये गए वर्ष के लिए क्रमश: t = 1, 2, 3, ……………….. 7 लेंगे ।
समरेखीय समीकरण के अन्वायोजन की गणना
∴ b = -0.39
a = \(\overline{\mathrm{y}}\) – b\(\overline{\mathrm{t}}\)
= 20.99 – (-0.39) (4)
= 20.99 – (-1.56)
= 20.99 + 1.56
∴ a = 22.55
अतः झुकाव रेखा का अन्वायोजित समीकरण
ŷ = a + bt
= 22.55 – 0.39t
∴ ŷ = 22.55 – 0.39t
वर्ष 2016 के लिए t = 8 रखने पर
ŷ = 22.55 – 0.39(8)
= 22.55 – 3.12
= 19.43
∴ ŷ = 19.43 जन्मदर
वर्ष 2017 के लिए t = 9 रखने पर
ŷ = 22.55 – 0.39(9)
= 22.55 – 3.51
= 19.04 जन्मदर
वर्ष 2016 के लिए जन्मदर 19.43 और वर्ष 2017 के लिए जन्मदर 19.04 होने का आकलन है ।
प्रश्न 4.
रेलवे के एक विभाग में भिन्न-भिन्न वर्षों में हुए माल की स्थानान्तरण की निम्न सूचना दी है । रैखिक समीकरण का अन्वायोजन करके प्रत्येक वर्ष का अनुमानित मूल्यों को प्राप्त कीजिए और आरेन से दर्शाए । वर्ष 2016 के मूल्यों का अनुमान भी कीजिए ।
उत्तर :
यहाँ n = 5 दिया है । इसलिए वर्ष के अनुरुप t = 1, 2, 3, 4, 5 लेकर सारण निम्नानुसार प्राप्त करेंगे ।
= \(\frac{280}{50}\)
∴ b = 5.6
अब a = \(\overline{\mathrm{y}}\) – b\(\overline{\mathrm{t}}\)
= 194.6 – 5.6 (3)
= 194.6 – 16.8
∴ a = 177.8
अतः झुकाव रेखा का अन्वायोजित समीकरण
ŷ = a + bt
ŷ = 177.8 + 5.6t
∴ ŷ = 177.8 + 5.6t
वर्ष 2016 के लिए t = 6 रखने पर
y = 177.8 + (5.6 × 6)
= 177.8 + 33.6
= 211.4 टन
वर्ष 2016 में रेलवे विभाग में स्थानान्तरण माल 211.4 टन होने का आकलन है ।
वर्ष समय t को x अक्ष पर और स्थानांतरण हुआ माल को yt को y अक्ष पर योग्य प्रमाणमाप लेकर बिन्दुओं से दर्शाएँगे ।
प्रश्न 5.
क्रूड तेल के साप्ताहिक मूल्य की (USD प्रति बेरल में) सूचना निम्नानुसार सारणी में दिये है । चार सप्ताह की चलित औसत का उपयोग करके झुकाव ज्ञात कीजिए ।
उत्तर :
चार मास के चलित औसत की गणना