Class 6 Sanskrit Grammar Book Solutions अनुवाद विधिः
प्रश्न 1.
संस्कृत-पर्यायम् लिखत- (संस्कृत पर्याय लिखिए- write the Sanskrit equivalent.)
यथा-घर = गृहम्
(क)
(i) भवन = ………….
(ii) बाग़ = ………….
(iii) मोर = ………….
(iv) कबूतर = ……………..
(v) केले = ……………..
(vi) मंदिर = ……………..
(vii) दुकान = ……………..
(viii) गेंद = ……………..
(ix) फूलमालाएँ = ……………..
(x) नारियल = ……………..
उत्तर:
(i) भवनम्
(ii) उद्यानम्
(iii) मयूरः
(iv) कपोतः
(v) कदलीफलानि
(vi) मंदिरम्
(vii) आपणः
(viii) कंदुकम्
(ix) पुष्पमालाः
(x) नारिकेलम्
उत्तर:
(ग)
(i) पेड़ों को – …………..
(ii) बालक के लिए – …………..
(iii) पुत्र का – …………..
(iv) दो पैरों से – …………..
(v) फूलों का – …………..
(vi) बादल में – …………..
(vii) दो घोंसलों में – …………..
(viii) गाँव से (अलग) – …………..
उत्तर:
(i) वृक्षान्
(ii) बालकाय
(iii) पुत्रस्य
(iv) पादाभ्याम्
(v) पुष्पाणाम्
(vi) मेघेषु
(vii) नीड़योः
(viii) ग्रामात्
(घ)
(i) हँसता है = ……………
(ii) नमस्कार करती है = ………..
(iii) गिरते हैं (दो) = ……………
(iv) जाएँगे (हम) = …………
(v) दौड़ता है (वह) = …………
(vi) चरते हैं (वे) = …………….
(vii) खेलोगे (तुम) = ………………..
(viii) तैरता है (वह) = ………………..
उत्तर:
(i) हसति
(ii) नमति
(iii) पततः
(iv) गामष्यामः
(v) धावति
(vi) चरन्ति
(vii) खेलिष्यसि
(viii) तरति
प्रश्न 2.
अधोदत्तानि वाक्यानि संस्कृतेन लिखत- (निम्नलिखित वाक्यों को संस्कृत में लिखिए– Write the following sentences in Sanskrit.)
उत्तर:
(क) वानरः कदलीफलम् खादति।
(ख) यूयम् कुत्र गच्छथ?
(ग) वयम् पादाभ्याम् चलामः।
(घ) छात्रा: पठनाय विद्यालयम् गच्छन्ति।
(ङ) सर्पः बिलात् निस्सरति।।
(च) उद्याने शोभनानि पुष्पाणि सन्ति।
(छ) पर्णानाम् वर्णः हरितः भवति।
(ज) भो मित्र! त्वम् कदा आगमिष्यसि?
प्रश्न 3.
परस्परं मेलयत। (परस्पर मेल कीजिए। Match the following.)
(क) वाहनेषु – दो घोंसलों में
(ख) नीडे – मुख से (अलग)
(ग) मुखेन – हिरणों का
(घ) मुखात् – वाहन द्वारा
(ङ) नीड़योः – घोंसले में
(च) मृगैः – गाड़ियों/वाहनों में
(छ) मृगाणाम् – मुख द्वारा/ से
(ज) वाहनेन – हिरणों द्वारा
उत्तर:
(क) वाहनेषु – गाड़ियों/वाहनों में
(ख) नीडे – घोंसले में
(ग) मुखेन – मुख द्वारा/से
(घ) मुखात् – मुख से (अलग)
(ङ) नीडयोः – दो घोंसलों में
(च) मृगैः – हिरणों द्वारा
(छ) मृगाणाम् – हिरणों का
(ज) वाहनेन – वाहन द्वारा
अधोदत्तानि वाक्यानि अवलोकयत अनुवाद विधिं च अवगच्छत। (निम्नलिखित वाक्यों को देखिए और अनुवाद-विधि को समझिए। Look at the sentences given below and understand the rules of translation.)
संज्ञा-सर्वनाम का समन्वय (तालमेल) संज्ञा के लिंग व वचन के अनुसार सर्वनाम का रूप प्रयोग में आता है
कर्ता-क्रियापद का समन्वय
कर्ता के पुरुष व वचन के अनुसार क्रियापद का रूप निर्धारित होता है
अवधेयम्हिं
दी भाषा में ‘को’, ‘द्वारा’, ‘से’, ‘के लिए’, ‘का’/’की’ आदि परसर्ग शब्द से पृथक रहते हैं, किंतु संस्कृत में शब्द के साथ जुड़ जाते हैं और शब्द में रूपांतर आ जाता है। यथा- बालक का = बालकस्य, बालक को = बालकम् इत्यादि।
विशेष्यपद (संज्ञा) के लिंग व वचन के अनुसार विशेषण शब्द का रूप प्रयोग में लाया जाता है
धातुरूप का प्रयोग
वाक्य में आई हुई क्रिया के कालानुसार धातुरूप (लकार) का प्रयोग किया जाता है
इस प्रकार-वर्तमान काल की क्रिया दर्शाने के लिए लट्, भविष्यत् के लिए लृट् तथा भूतकाल के लिए ललकार के धातुरूप का प्रयोग होता है।
अव्ययपद का प्रयोग
संस्कृत भाषा में अव्ययपद ही ऐसे पद हैं जिनमें लिंग, पुरुष, वचन, काल आदि के प्रभाव से कोई रूपांतर नहीं आता
अनुवाद करते समय
सर्वप्रथम वाक्य के कर्ता को पहचानें। तदनुसार क्रियापद का रूप निर्धारित कर लें। वाक्य के शेष शब्दों में प्रयोगानुसार विभक्ति लगाएँ। शब्दरूप निर्धारित करते समय शब्द के
अंतिम अक्षर/स्वर तथा लिंग के अनुसार शब्द रूप चलाएँ। यथा
(क) विद्यालय में – विद्यालये – (विद्यालय शब्द अकारांत पुल्लिग)
पाठशाला में – पाठशालायाम् – (पाठशाला शब्द आकारांत स्त्रीलिंग)
(ख) पौधे – पादपाः – (पादप शब्द पुल्लिग)
पुस्तकें – पुस्तकानि – (पुस्तक शब्द नपुंसकलिंग) इत्यादि।
प्रारंभिक अवस्था में छात्र पाठ्यपुस्तक के व्याकरण भाग में शब्द रूप देख सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे आंग्ल (अंग्रेजी) भाषा का प्रयोग करते समय वर्तनी आदि के लिए शब्द कोष की सहायता ली जाती है। अभ्यास होने पर सहज ही शुद्ध प्रयोग करने लगेंगे।